प्रतापगढ़ : फौजी बनने का सपना संजोए अभ्यर्थियों ने अनुशासन को तार-तार कर दिया है। सबसे अधिक उपद्रव इलाहाबाद, प्रतापगढ़ के युवाओं ने ही किया। इससे आने वाले सालों में इस जिले के हाथ से रैली फिसल सकती है।
इस साल पुलिस लाइंस और जीआइसी मैदान पर प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशाम्बी, बस्ती, अबेंडकरनगर, संत कबीरनगर के युवाओं की सेना भर्ती रैली आयोजित की गई है। फौजी बनने का सपना संजोएं हजारों युवक रोजाना यहां आ रहे हैं, लेकिन शायद उन्हें इस बात का तनिक भी आभास नहीं है कि सबसे अधिक अनुशासन फौज में ही होता है और भर्ती की पहली सीढ़ी चढ़ने के दौरान ही वे इस अनुशासन को तार-तार कर रहे हैं।
बेल्हा के युवाओं को शायद इस बात का आभास नहीं है कि उनके इस व्यवहार से आने वाले सालों में रैली के लिए उनके जिले का चयन फिर न हो। वैसे भी वर्ष 2009 केबाद जिले में रैली आयोजित की गई है। इस उपद्रव के बाद सेना के अफसर पुन: इस जिले का चयन करने पर सौ बार सोचेंगे।
भर्ती अधिकारी कर्नल संदीप सिंह कहते हैं कि शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करने के लिए अभ्यास करना बहुत जरूरी है। अगर लगन से तैयारी की जाए तो किसी भी परीक्षा को पास करना मुमकिन है।
फुटेज देख दिया निर्णय: निर्धारित समय में दौड़ पूरी करने के दावा का निर्णय सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को देख कर दिया गया। बुधवार को अंबेडकरनगर और संत कबीरनगर के युवाओं की भर्ती चल रही थी। दौड़ की परीक्षा पास करने के लिए अभ्यर्थी पसीना बहा रहे थे। सुबह लगभग दस बजे एक ग्रुप की दौड़ की प्रक्रिया चल रही थी। निर्धारित समय में दौड़ पूरी न करने पर आधा दर्जन अभ्यर्थियों को बाहर किया जाने लगा तो वे यह दावा करने लगे कि निर्धारित समय में दौड़ पूरी कर ली गई है। इस पर उन अभ्यर्थियों को कर्नल संदीप सिंह के पास लाया गया। कर्नल ने सीसीटीवी कैमरे का फुटेज देखा तो अभ्यर्थियों का दावा झूठा साबित हुआ। कर्नल सभी को फेल करार देते हुए बाहर जाने को कहा।
फर्जी सर्टिफिकेट : प्रतापगढ़ : दूसरे के सर्टिफिकेट पर भर्ती में शामिल होने आए कई अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया। कई प्वाइंट पर चेकिंग होने की जानकारी होने के बावजूद कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं, जो अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं। बुधवार को कुछ अभ्यर्थी ऐसे आ गए थे, जो दूसरे के सर्टिफिकेट पर भर्ती में शामिल होने आए थे। उनमें से कई को दौड़ की परीक्षा पास करने के बाद उस समय पकड़ लिया गया, जब कंप्यूटर से अंगूठे की छाप और फोटो ली जा रही थी। मामला पकड़ में आने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया।
उम्र छुपाने की कोशिश : सेना भर्ती रैली में तरह-तरह के मामले सामने आ रहे हैं। कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने सेना भर्ती रैली में शामिल होने के लिए दुबारा हाईस्कूल की परीक्षा देकर उम्र कम करा दी है। संतकबीरनगर के रत्नेश की उम्र 27 साल की लग रही थी, लेकिन मार्कसीट में उनकी उम्र 17 वर्ष 6 माह से कम थी। उम्र कम होने के आधार पर ही रत्नेश को बाहर कर दिया गया।
इस साल पुलिस लाइंस और जीआइसी मैदान पर प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशाम्बी, बस्ती, अबेंडकरनगर, संत कबीरनगर के युवाओं की सेना भर्ती रैली आयोजित की गई है। फौजी बनने का सपना संजोएं हजारों युवक रोजाना यहां आ रहे हैं, लेकिन शायद उन्हें इस बात का तनिक भी आभास नहीं है कि सबसे अधिक अनुशासन फौज में ही होता है और भर्ती की पहली सीढ़ी चढ़ने के दौरान ही वे इस अनुशासन को तार-तार कर रहे हैं।
बेल्हा के युवाओं को शायद इस बात का आभास नहीं है कि उनके इस व्यवहार से आने वाले सालों में रैली के लिए उनके जिले का चयन फिर न हो। वैसे भी वर्ष 2009 केबाद जिले में रैली आयोजित की गई है। इस उपद्रव के बाद सेना के अफसर पुन: इस जिले का चयन करने पर सौ बार सोचेंगे।
भर्ती अधिकारी कर्नल संदीप सिंह कहते हैं कि शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करने के लिए अभ्यास करना बहुत जरूरी है। अगर लगन से तैयारी की जाए तो किसी भी परीक्षा को पास करना मुमकिन है।
फुटेज देख दिया निर्णय: निर्धारित समय में दौड़ पूरी करने के दावा का निर्णय सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को देख कर दिया गया। बुधवार को अंबेडकरनगर और संत कबीरनगर के युवाओं की भर्ती चल रही थी। दौड़ की परीक्षा पास करने के लिए अभ्यर्थी पसीना बहा रहे थे। सुबह लगभग दस बजे एक ग्रुप की दौड़ की प्रक्रिया चल रही थी। निर्धारित समय में दौड़ पूरी न करने पर आधा दर्जन अभ्यर्थियों को बाहर किया जाने लगा तो वे यह दावा करने लगे कि निर्धारित समय में दौड़ पूरी कर ली गई है। इस पर उन अभ्यर्थियों को कर्नल संदीप सिंह के पास लाया गया। कर्नल ने सीसीटीवी कैमरे का फुटेज देखा तो अभ्यर्थियों का दावा झूठा साबित हुआ। कर्नल सभी को फेल करार देते हुए बाहर जाने को कहा।
फर्जी सर्टिफिकेट : प्रतापगढ़ : दूसरे के सर्टिफिकेट पर भर्ती में शामिल होने आए कई अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया। कई प्वाइंट पर चेकिंग होने की जानकारी होने के बावजूद कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं, जो अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं। बुधवार को कुछ अभ्यर्थी ऐसे आ गए थे, जो दूसरे के सर्टिफिकेट पर भर्ती में शामिल होने आए थे। उनमें से कई को दौड़ की परीक्षा पास करने के बाद उस समय पकड़ लिया गया, जब कंप्यूटर से अंगूठे की छाप और फोटो ली जा रही थी। मामला पकड़ में आने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया।
उम्र छुपाने की कोशिश : सेना भर्ती रैली में तरह-तरह के मामले सामने आ रहे हैं। कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने सेना भर्ती रैली में शामिल होने के लिए दुबारा हाईस्कूल की परीक्षा देकर उम्र कम करा दी है। संतकबीरनगर के रत्नेश की उम्र 27 साल की लग रही थी, लेकिन मार्कसीट में उनकी उम्र 17 वर्ष 6 माह से कम थी। उम्र कम होने के आधार पर ही रत्नेश को बाहर कर दिया गया।